तू चाँद से सौ मरतबा है खूबसूरत!मैं सौ दफ़ा फिर कह दूँ मेरा बस चले तो। तू चाँद से सौ मरतबा है खूबसूरत!मैं सौ दफ़ा फिर कह दूँ मेरा बस चले तो।
काश मैं होती 'मोती बेगम','मिर्ज़ा ग़ालिब' की ज़िंदगी की - वो सिसकती हुई ख़ामोशी ! काश मैं होती 'मोती बेगम','मिर्ज़ा ग़ालिब' की ज़िंदगी की - वो सिसकती हुई ख़ामोशी !
शमां से जलकर मर जाने को, मोहब्बत समझ बैठे। शमां से जलकर मर जाने को, मोहब्बत समझ बैठे।
क्योंकि पाक रूहें आज भी जिन्दा हैं। क्योंकि पाक रूहें आज भी जिन्दा हैं।
पड़े न कभी जरूरत शहादत ज़रा जतन कर लो लाख करो होशियारी भेदिया भेद जाता कोई यहाँ रचे न साज़िश हमला... पड़े न कभी जरूरत शहादत ज़रा जतन कर लो लाख करो होशियारी भेदिया भेद जाता कोई यहाँ...
रोशनी को फ़कत आग, समझोगे तो जला बैठोगे घर। इसको चराग़े नूर बनकर, घर जगमगाना चाहिये। रोशनी को फ़कत आग, समझोगे तो जला बैठोगे घर। इसको चराग़े नूर बनकर, घर जगमगाना चाह...